Monday 2 July 2018

सिंधु घाटी सभ्यता के पुरातात्विक स्थलों की सूची


सिंधु घाटी सभ्यता दुनिया के चार प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है । रेडियो कार्बन डेटिंग के अनुसार सभ्यता 2500-1750 ई.पू. के आसपास में सभ्यता का विकाश हुआ था । हम , यहाँ सिंधु घाटी सभ्यता के पुरातात्विक स्थलों की सूची है दे रहे हैं  जो यूपीएससी , एसएससी, राज्य सेवाओं, एनडीए, सीडीएस, और रेलवे आदि जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बहुत उपयोगी है। इस सभ्यता का क्षेत्र संसार की सभी प्राचीन सभ्यताओं के क्षेत्र से अनेक गुना बड़ा और विशाल था। इस परिपक्व सभ्यता के केन्द्र-स्थल पंजाब तथा सिन्ध में था। तत्पश्चात इसका विस्तार दक्षिण और पूर्व की दिशा में हुआ। इस प्रकार हड़प्पा संस्कृति के अन्तर्गत पंजाब, सिन्ध और बलूचिस्तान के भाग ही नहीं, बल्कि गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सीमान्त भाग भी थे।
सिंधु घाटी सभ्यता के पुरातात्विक स्थलों की सूची
सिंधु घाटी सभ्यता (पुरातात्विक स्थल)
विवरण / डिस्कवरी / निष्कर्षों के पुरातत्वीय स्थल
हड़प्पा
1. दया राम साहनी द्वारा 1921-1923 में खुदाई की गयी थी।
2. पंजाब (पाकिस्तान) मोंटगोमरी जिले में रवी नदी के तट पर स्थित है।
3. पत्थर की नटराज की मूर्ति और कब्रिस्तान-37 यहां खुदाई के दौरान मिली।
मोहनजो-दड़ो (मृत के टीले)
1. आर डी बनर्जी ने 1922 द्वारा खुदाई की गयी थी।
2. पंजाब (पाकिस्तान) के लरकाना जिलेमें सिंधु नदी के तट पर स्थित है।
3. ग्रेट बाथ, मंडल भवन निर्माण और विधानसभा हॉल इस  स्थल की विशेषताए हैं।
4. पशुपति महादेव (आद्य शिव) की मुहर और बुना कपास के  टुकडे खुदाई के दौरान मिली है।
चाहुदारो  (सिंध , पाकिस्तान)
1. 1931 में एन.जी मजूमदार द्वारा खुदाई की गयी थी।
2. सिंध, पाकिस्तान में सिंधु नदी के तट पर स्थित है।
3. यह सिन्धु घटी की ऐसी स्थल जहा सिटाडेल (Citadel) नहीं है।
4. बैलगाड़ी , इक्कास  और एक छोटे बर्तन जो की आग में पकाए हुये तथा कांस्य मूर्तियों खुदाई के दौरान मिली है।
लोथल (गुजरात)
1. 1954 में एस.आर राव द्वारा खुदाई की गयी थी।
नदी भोगवा  के तट पर स्थित है।
2. शहर का बिभाजन - गढ़ और निचले शहर और गोदी (जहाज़ बनाने का स्थान) में किया गया था।
3. चावल के साक्ष्य यहाँ पाये गए हैं।
कालीबंगा (काला चूड़ियाँ ), राजस्थान
1. 1961 में बी. बी लाल द्वारा खुदाई की गयी थी।
2. नदी घग्गर के तट पर स्थित है।
3. जोता क्षेत्र, लकड़ी के कुंड के साक्ष्य, सात आग वेदियों, ऊंट की हड्डियों और अंत्येष्टि के दो प्रकार (परिपत्र गंभीर और आयताकार कब्र) पाया गया है।
धोलावीरा
1. 1967-68 में जे.पी जोशी द्वारा खुदाई की गयी थी।
2. गुजरात में कच्छ जिले के लूनी नदी के तट पर स्थित है।
3. अद्वितीय जल प्रबंधन प्रणाली के साक्ष्य, हरपण  शिलालेख और स्टेडियम मिले हैं।

सुरकोतड़ा  (गुजरात)
1. 1961 में बी.बी लाल द्वारा खुदाई की गयी है।
2. नदी घग्गर के तट पर स्थित।
बनावली  (हरियाणा)
1. 1973 में आर.एस बिष्ट द्वारा खुदाई की गयी थी।
2. सरस्वती नदी के तट पर स्थित हैं।
3. दोनों पूर्व हड़प्पा और हड़प्पा संस्कृति और अच्छी गुणवत्ता के साथ जौ के साक्ष्य यहाँ मिले हैं।
सिन्धु घाटी सभ्यता का क्षेत्र अत्यन्त व्यापक था। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की खुदाई से इस सभ्यता के प्रमाण मिले हैं। अतः विद्वानों ने इसे सिन्धु घाटी की सभ्यता का नाम दिया, क्योंकि यह क्षेत्र सिन्धु और उसकी सहायक नदियों के क्षेत्र में आते हैं, पर बाद में रोपड़, लोथल, कालीबंगा, वनमाली, रंगापुर आदि क्षेत्रों में भी इस सभ्यता के अवशेष मिले जो सिन्धु और उसकी सहायक नदियों के क्षेत्र से बाहर थे। इसका विकास सिंधु और घघ्घर/हकड़ा (प्राचीन सरस्वती) के किनारे हुआ। मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल, धोलावीरा, राखीगढ़ी और हड़प्पा इसके प्रमुख केन्द्र थे।

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