सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण (UniversalGravitation)- ब्रह्माण्ड में प्रत्येक कण या पिण्ड प्रत्येक दूसरक कण या पिण्ड को केवल अपने द्रव्यमान के कारण ही आकर्षित करता है। "क्रमश: m, व m, द्रव्यमान वाले दो पिण्डों के मध्य, जो कि r दूरी पर स्थूित हैं, लगने वाला आकर्षण बल F = G ++ होता है, जहां G एक नियतांक है जिसे सवात्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहते है और जिसका मान 6.67 × 10" न्यूटन मीटर किग्रा होता है", इसे न्यूटन का पर गुरुत्वाकर्षण नियम कहते हैं। > ग्रहों की गति से
सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण (UniversalGravitation)- ब्रह्माण्ड में प्रत्येक कण या पिण्ड प्रत्येक दूसरक कण या पिण्ड को केवल अपने द्रव्यमान के कारण ही आकर्षित करता है। "क्रमश: m, व m, द्रव्यमान वाले दो पिण्डों के मध्य, जो कि r दूरी पर स्थूित हैं, लगने वाला आकर्षण बल F = G ++ होता है, जहां G एक नियतांक है जिसे सवात्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहते है और जिसका मान 6.67 × 10" न्यूटन मीटर किग्रा होता है", इसे न्यूटन का पर गुरुत्वाकर्षण नियम कहते हैं। > ग्रहों की गति से
No comments:
Post a Comment