Tuesday 6 November 2018

सय्यद अहमद खान और अलीगढ़ आन्दोलन

मुस्लिमों के बीच शिक्षा के प्रसार और सामाजिक सुधार के लिए सबसे महत्वपूर्ण आन्दोलन सर सैय्यद अहमद खान (1817-1898 ई.) द्वारा प्रारंभ किया गया था| वे एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते थे जिसके सदस्य मुग़ल दरबार में उपस्थित रहते थे|उन्होंने न्यायिक अधिकारी के रूप में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेवाएँ प्रदान कीं और 1857 के विद्रोह,जिसमें ब्रिटिश शासकों ने मुस्लिमों को अपना ‘वास्तविक शत्रु व सबसे खतरनाक दुश्मन’ करार दिया था और उनके प्रति भेद-भाव पूर्ण नीति का अनुसरण किया था,के दौरान भी ये ब्रिटिशों के प्रति वफादार बनें रहे|
सर सैय्यद अहमद खान मुस्लिमों की दयनीय स्थिति को लेकर बहुत चिंतित थे और उनको उनके पिछड़ेपन से ऊपर उठाना उनके जीवन का उद्देश्य बन गया| उन्होंने ब्रिटिश शासकों के मन में मुस्लिमों के प्रति शत्रुता के भाव को समाप्त करने के लिए अथक प्रयास किया| उन्होंने मुस्लिमों से सादगी व शुद्धता के मूल इस्लामिक सिधान्तों की ओर लौटने की अपील की और भारत के मुस्लिमों के लिए अंग्रेजी शिक्षा की वकालत की| उनके द्वारा विज्ञान पर अत्यधिक बल देने के कारण रूढ़िवादी मुस्लिम उनसे नाराज हो गए और उन्हें इनका विरोध भी झेलना पड़ा था| लेकिन अपने साहस और विवेक के बल पर वे इन बाधाओं को पार कर गए|
1864 ई. में इन्होनें अनुवाद सोसाइटी की स्थापना की जो बाद में द साइंटिफिक सोसाइटी में बदल गयी| यह सोसाइटी अलीगढ़ में स्थित थी और विज्ञान अन्य विषयों की अंग्रेजी पुस्तकों का उर्दू भाषा में अनुवाद कर प्रकाशित करती थी,साथ ही सामाजिक सुधार से सम्बंधित उदारवादी विचारों को प्रसारित करने के लिए एक अंग्रेजी-उर्दू पत्र भी निकालती थी| उन्होंने मुस्लिम समुदाय के पिछड़ेपन के लिए जिम्मेदार बहुत से सामाजिक पूर्वाग्रहों को समाप्त करने की वकालत की|
उनका सबसे बड़ा योगदान 1875 ई. में अलीगढ़ में मोहम्मडन एंग्लो ओरिएण्टल कॉलेज की स्थापना था| समय के साथ यह भारतीय मुस्लिमों के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण शैक्षणिक संसथान बन गया| यह मानविकी व विज्ञान के विषयों से सम्बंधित शिक्षा को पूरी तरह से अंग्रेजी माध्यम में प्रदान करता था और इसके कई अध्यापक इंग्लैंड से भी आये थे| कॉलेज को देश भर प्रमुख मुस्लिमों से समर्थन प्राप्त हुआ और ब्रिटिशों ने भी इस कॉलेज के विकास में हर तरह से अपनी रूचि प्रदर्शित की|
मोहम्मडन एंग्लो ओरिएण्टल कॉलेज ,जो बाद में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बन गया, ने वहां पढ़ने वाली पीढ़ियों को आधुनिक दृष्टिकोण से सम्पन्न बनाया| सर सैय्यद अहमद खान और मोहम्मडन एंग्लो ओरिएण्टल कॉलेज से सम्बद्ध मुस्लिम जागरण आन्दोलन को अलीगढ़ आन्दोलन का नाम दिया गया| उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की गतिविधियों का विरोध किया| उस समय के कई अन्य नेताओं के समान उनका भी विश्वास था कि भारतीय अभी भी स्वयं शासन संभालने के लिए तैयार नहीं है और ब्रिटिश शासन के प्रति वफादार बने रहने से ही उनके हितों की सर्वोत्तम तरीके से पूर्ति हो सकती है|उन्होंने कुछ हिन्दू व मुस्लिम नेताओं के साथ मिलकर कांग्रेस का विरोध करने के लिए इंडियन पैट्रियोटिक एसोसिएशन  की स्थापना की और मुस्लिमों को कांग्रेस में शामिल होने से रोकने का प्रयास किया| उनके द्वारा हिन्दू व मुस्लिमों की एकता पर बल दिया गया|
निष्कर्ष
सर सैय्यद अहमद खान भारत के महानतम मुस्लिम सुधारकों में से एक थे| उन्होंने आधुनिक तर्कवाद व विज्ञान के प्रकाश में कुरान की व्याख्या की| उन्होंने धर्मान्धता,संकीर्ण मानसिकता व कट्टरपन का विरोध किया और स्वतंत्र सोच को बढ़ावा  देने पर बल दिया|
Syed Ahmad Khan , Aligarh Movement , Islamic Reforms in India

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