भारत में दलित आंदोलन की शुरूआत ज्योतिराव गोविंदराव फुले के नेतृत्व में हुई। इन्होने भारतीय समाज में दलितों को एक ऐसा पथ दिखाया था जिसपर आगे चलकर दलित समाज और अन्य समाज के लोगों ने चलकर दलितों के अधिकारों की कई लड़ाई लडी। यूं तो ज्योतिबा ने भारत में दलित आंदोलनों का सूत्रपात किया था लेकिन इसे समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का काम बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर ने किया। दलित शब्द सबसे पहले ज्योतिराव फुले द्वारा दलित वर्गों या हिंदू के अस्पृश्य जातियों के लिए इस्तेमाल किया गया था। महात्मा गांधी ने इन्हें हरिजन कह कर संबोधित किया था जिसका मतलब है 'भगवान् के संतान'।
आजादी से पहले भारत में दलित आंदोलनो की सूची
आंदोलन
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संस्थापक
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कारण और परिणाम
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नायर आंदोलन
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सी.वी रमन पिल्लई, के. राम कृष्ण पिल्लई और एम. पद्मनाभ पिल्लै के नेतृत्व में 1861 में शुरू हुआ।
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1. ब्राह्मण्यवादी के प्रभुत्व के खिलाफ किया गया आंदोलन था।
2. मलयाली स्मारक 1891 में रमन पिल्लई द्वारा निर्माण किया गया था और 1914 में पद्मनाभ पिल्लै ने नायर सर्विस सोसाइटी की स्थापना की थी।
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सत्यशोधक आंदोलन
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ज्योतिराव फुले के नेतृत्व में 1873 में शुरू हुआ।
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1. निम्न जातियों, अछूतों और विधवाओं के मुक्ति के लिए किया गया आंदोलन।
2. ब्राह्मण्यवादी के प्रभुत्व के खिलाफ किया गया आंदोलन था।
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कैवर्तस आंदोलन
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कैवर्तस द्वारा शुरू किया गया
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1. 1897 में जाति निर्धारिणी सभा की नींव रखी गयी थी।
2. 1901 में महिषा समिति की नींव रखी गयी थी।
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जस्टिस पार्टी मूवमेंट
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1916 में डॉ. टी.एम. नायर, पी. टायगाराजा चेट्टी और सी एन मुदलायर के नेतृत्व में शुरू हुआ था।
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1. सरकारी सेवाओं, शिक्षा और राजनीति में ब्राह्मणों के प्रभुत्व के खिलाफ हुआ आंदोलन था।
2. दक्षिण भारतीय लिबरेशन फेडरेशन (एसआईएलएफ) का गठन 1916 में किया गया था।
3. समूहों के लिए आरक्षण देने के लिए 1930 के सरकारी आदेश को पारित करने के प्रयास किए गए थे।
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स्व-सम्मान आंदोलन
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1925 में ई.वी रामास्वामी नायक या पेरियार के नेतृत्व में शुरू हुआ था।
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1. जाति व्यवस्था और पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण के खिलाफ ब्राह्मणों के खिलाफ किया गया आंदोलन था।
2. कुड़ी अरासु पत्रिका 1910 में पेरियार द्वारा शुरू किया गया था।
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वंचित वर्ग आंदोलन (महार आंदोलन)
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1924 में बी.आर अंबेडकर के नेतृत्व में शुरू हुआ था।
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1. वंचित वर्ग के उत्थान के लिए किया गया आंदोलन।
2. अस्पृश्यता के खिलाफ किया गया आंदोलन।
3. वंचित वर्ग संस्थान 1924 में स्थापित किया गया था।
4. बहिस्कृत भारत नमक पत्रिका मराठी भाषा में 1927 में शुरू की गयी थी।
5. 1927 में समाज समित संघ की स्थापना हुयी थी।
6. 1942 में अनुसूचित जाति संघ की स्थापना जिसने वंचित वर्गों पर अपने विचारों को प्रचारित किया।
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कांग्रेस हरिजन आंदोलन
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कांग्रेस
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1. निम्न और पिछड़े वर्गों की सामाजिक स्थिति को ऊपर उठाने के लिए किया गया आंदोलन था।
2. 1932 में अखिल भारतीय अश्पृश्यता विरोधी संगठन की स्थापना की गयी थी।
3. महात्मा गांधी ने 1933 में हरिजननामक साप्ताहिक की शुरुवात की थी।
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स्वतंत्रता से पहले भारत में जाति और दलित आंदोलन, ब्राह्मणवाद के सामाजिक और राजनैतिक प्रभुत्व के खिलाफ किया गया आंदोलन था। ब्राह्मणवाद के अनुसार, दलित या निम्न जाति के लोग केवल तीन वर्णों जैसे ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य की सेवा के लिए ही जन्म हुआ है, इसलिए उन्हें उच्च शिक्षा लेने का अधिकार नहीं है और नाही उन्हें सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक कार्यो में लिप्त होने का कोई अधिकार नहीं है।
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