दुनिया के सात चमत्कारों (Seven Wonders of the World) का नाम सुनते ही सबके दिमाग दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारतों में से एक "ताजमहल" का चित्र उभर आता है| इसे मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी बेगम मुमताजमहल की याद में बनवाया था| शायद इसी कारण इसे आज भी पूरी दुनिया में प्रेमी जोड़ों के द्वारा प्यार की अदभुत मिसाल के तौर पर देखा जाता है और नवविवाहित जोड़े इसे देखने अवश्य जाते हैं| इस लेख में हमने इस अदभुत इमारत के बारे में 13 ऐसे आश्चर्यजनक तथ्यों के बारे में बताया है जिन्हें बहुत ही कम लोग जानते हैं|
1. मुमताज महल के मकबरे की छत पर एक छेद है| हालांकि इस छेद के पीछे कई तरह की कहानियां प्रसिद्द हैं जबकि सच्चाई यह है कि जब शाहजहाँ ने ताजमहल के पूरा बन जाने के बाद सभी मजदूरों के हाथ काट दिए जाने की घोषणा की ताकि वे कोई और ताजमहल न बना सकें, तो मजदूरों ने इसकी छत में एक ऐसी कमी छोड़ दी जिससे कि शाहजहाँ से बदला लिया जा सके और यह इमारत ज्यादा दिन न टिक सके| आज भी इसी छेद के कारण मुमताज महल का मकबरा नमी से ग्रसित रहता है|
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2. यदि यमुना नदी नही होती तो क्या होता: ताजमहल का आधार एक ऐसी लकड़ी पर बना हुआ है जिसको मजबूत बने रहने के लिए नमी की जरुरत होती है, यदि ताजमहल के बगल में यमुना नदी नही बह रही होती तो यह लकड़ी मजबूत नही होती(यह लकड़ी नदी के पानी से नमी सोखती है) और अभी तक ताजमहल गिर गया होता |
2. यदि यमुना नदी नही होती तो क्या होता: ताजमहल का आधार एक ऐसी लकड़ी पर बना हुआ है जिसको मजबूत बने रहने के लिए नमी की जरुरत होती है, यदि ताजमहल के बगल में यमुना नदी नही बह रही होती तो यह लकड़ी मजबूत नही होती(यह लकड़ी नदी के पानी से नमी सोखती है) और अभी तक ताजमहल गिर गया होता |
3. ताजमहल के चारों ओर के मीनार एक दूसरे की ओर झुके हुए हैं ऐसा इसलिए है ताकि भूकम्प या बिजली गिरने की हालत में मीनार को मुख्य इमारत पर गिरने से बचाया जा सके|
4. कुतुबमीनार से भी लम्बा है ताजमहल: वैसे तो कुतुबमीनार को भारत की सबसे लम्बी मीनार के तौर पर जाना जाता है जिसकी ऊंचाई 72.5 मीटर है लेकिन क्या आप जानते हैं कि ताजमहल की ऊंचाई 73 मीटर है अर्थात ताजमहल कुतुबमीनार से आधा मीटर अधिक ऊँचा है |
5. सभी फव्वारे एक साथ ही काम करते हैं: आप यह जानकर चौंक जायेंगे कि इसमें लगे सभी फव्वारे एक साथ ही काम करते हैं और इनमे हर फव्वारे के नीचे एक टंकी लगी है जो कि एक ही समय भरती है और दबाव बनने पर पानी ऊपर फेकती है |
6. द्वतीय विश्व युद्ध (1945), भारत पाकिस्तान युद्ध (1971)और 9/11 के हमलों के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने ताजमहल के चारों ओर बांस का घेरा बनाकर उसे हरे रंग की चादर से ढक दिया था जिससे कि यह दुश्मन को दिखायी न दे और इस पर हमला न किया जा सके |
7. एक खबर यह भी है कि इसे बनाने वाले मजदूरों के हाथ काट दिए गए थे ताकि वे ऐसी कोई और इमारत न बना सकें लेकिन शाहजहाँ अपने इरादे में कामयाब न हो सका क्योंकि ताजमहल (1632–53) के बाद भी कई भव्य इमारतें इन्ही कारीगरों की मदद से बनवाई गई थी, इन्ही में से एक कारीगर थे उस्ताद अहमद लाहौरी जिन्होंने दिल्ली के लाल किले (1639) को बनाने में मदद की थी |
8. पिशाचों की कलाकृति: ताजमहल की कलाकृति में 28 तरह के नायाब पत्थरों को लगाया गया था जो कि किसी की भी आँखों को चौंधिया सकते थे| ये पत्थर चीन, तिब्बत और श्रीलंका से मंगवाए गए थे लेकिन अंग्रेजों ने इन कीमती पत्थरों को निकाल लिया था |
9. ताजमहल को बनने में कितना खर्च आया था: 1632–53 की अवधि में जब ताजमहल बना था तब इस पर 32 मिलियन रुपये खर्च हुए थे जिनकी वर्तमान कीमत 106.28 लाख अमेरिकी डॉलर है |
10. शाहजहाँ का यह सपना था कि वह अपने लिए भी एक काला ताजमहल बनवाए लेकिन उसके बेटे औरंगजेब के द्वारा कैद किये जाने के कारण वह अपना सपना पूरा नही कर सका था |
11. पहली सेल्फी: ताजमहल के साथ पहली सेल्फी जॉर्ज हेर्रिसन नामक व्यक्ति ने ली थी | यह सेल्फी उस समय ली थी जब सेल्फी का दौर ही नही था |
8. पिशाचों की कलाकृति: ताजमहल की कलाकृति में 28 तरह के नायाब पत्थरों को लगाया गया था जो कि किसी की भी आँखों को चौंधिया सकते थे| ये पत्थर चीन, तिब्बत और श्रीलंका से मंगवाए गए थे लेकिन अंग्रेजों ने इन कीमती पत्थरों को निकाल लिया था |
9. ताजमहल को बनने में कितना खर्च आया था: 1632–53 की अवधि में जब ताजमहल बना था तब इस पर 32 मिलियन रुपये खर्च हुए थे जिनकी वर्तमान कीमत 106.28 लाख अमेरिकी डॉलर है |
10. शाहजहाँ का यह सपना था कि वह अपने लिए भी एक काला ताजमहल बनवाए लेकिन उसके बेटे औरंगजेब के द्वारा कैद किये जाने के कारण वह अपना सपना पूरा नही कर सका था |
11. पहली सेल्फी: ताजमहल के साथ पहली सेल्फी जॉर्ज हेर्रिसन नामक व्यक्ति ने ली थी | यह सेल्फी उस समय ली थी जब सेल्फी का दौर ही नही था |
12. ताजमहल का रंग बदलता है: दिन के अलग-अलग समय के हिसाब से इसका रंग बदलता है, सुबह यह गुलाबी दिखता है और शाम को दूधिया सफ़ेद और चांदनी रात में सुनहरा दिखता है|
13. सबसे ज्यादा सैलानी: ताजमहल को देखने के लिए एक दिन में 12000 सैलानी आते है इतने सैलानी पूरी दुनिया में किसी भी इमारत को देखने के लिए नही आते हैं |
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