सुरंग (Tunnel) उस भूमिगत मार्ग को बोला जाता है जिसे भूमि के अंदर क्षैतिज मार्ग, जो ऊपरी चट्टान या मिट्टी हटाए बिना ही बनाया जाए। सुरंग निर्माण की आधुनिक विधियों में ढले लोहे की रोकों का और संपीडित वायु का प्रयोग बहुप्रचलित है। रेलवे सुरंग परिवहन के साधन तथा सुदूर जगहों को जोड़ने का सबसे किफायती तरीका है।
भारत के प्रसिद्ध रेलवे सुरंग
1. पीर पंजाल रेलवे सुरंग
ट्रैक की लंबाई: 11,215 metres (36,795 ft.)
स्थान: Jammu and Kashmir
रेलवे डिवीजन: उत्तरी रेलवे
खुलने का वर्ष: 2013
2. संगलदहन सुरंग
ट्रैक की लंबाई: 8,000 metres (26,000 ft.)
स्थान: जम्मू-कश्मीर
रेलवे डिवीजन: उत्तरी रेलवे
खुलने का वर्ष:2017
3. करबूड (टी -35)
ट्रैक की लंबाई: 6,506 metres
स्थान: महाराष्ट्र
रेलवे डिवीजन: कोंकण रेलवे
खुलने का वर्ष:1997
4. नाथुवाडी (टी -6)
ट्रैक की लंबाई: 4,389 metres (14,400 ft.)
स्थान: महाराष्ट्र
रेलवे डिवीजन: कोंकण रेलवे
खुलने का वर्ष:1997
5. टाइक (टी -39)
ट्रैक की लंबाई: 4,077 metres (13,376 ft.)
स्थान: महाराष्ट्र
रेलवे डिवीजन: कोंकण रेलवे
खुलने का वर्ष:1997
6. बर्देवाडी (टी -49)
ट्रैक की लंबाई: 4,000 metres (13,000 ft.)
स्थान: महाराष्ट्र
रेलवे डिवीजन: कोंकण रेलवे
खुलने का वर्ष:1997
7. सावर्डे (टी -17)
ट्रैक की लंबाई: 3,429 metres (11,250 ft.)
स्थान: महाराष्ट्र
रेलवे डिवीजन: कोंकण रेलवे
खुलने का वर्ष:1997
8. बरसेम (टी -73)
ट्रैक की लंबाई: 3,343 metres (10,968 ft.)
स्थान: गोवा
रेलवे डिवीजन: कोंकण रेलवे
खुलने का वर्ष:1997
9. बोरेल बीजी (टी -10)
ट्रैक की लंबाई: 3,235 metres (10,614 ft.)
स्थान: असम
रेलवे डिवीजन: पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे
खुलने का वर्ष: 2015
10. करवर (टी-80)
ट्रैक की लंबाई: 2,950 metres (9,680 ft.)
स्थान: कर्नाटक
रेलवे डिवीजन: कोंकण रेलवे
खुलने का वर्ष:1997
11. होन्नावर (टी-84)
ट्रैक की लंबाई: 2830 m
स्थान: कोंकण रेलवे
रेलवे डिवीजन: कर्नाटक
खुलने का वर्ष:1997
12. चौक (टी -3)
ट्रैक की लंबाई: 2,628 metres (8,622 ft.)
स्थान: महाराष्ट्र
रेलवे डिवीजन: केंद्रीय रेलवे
खुलने का वर्ष:2006
13. पर्चुरी (टी -27)
ट्रैक की लंबाई: 2,552 metres (8,373 ft.)
स्थान: महाराष्ट्र
रेलवे डिवीजन: कोंकण रेलवे
खुलने का वर्ष:1997
14. खोवाई (टी -2)
ट्रैक की लंबाई: 2,500 metres (8,200 ft.)
स्थान: त्रिपुरा
रेलवे डिवीजन: पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे
खुलने का वर्ष: 2008
15. संगार (टी -4)
ट्रैक की लंबाई: 2,454 metres (8,051 ft.)
स्थान: जम्मू-कश्मीर
रेलवे डिवीजन: उत्तरी रेलवे
खुलने का वर्ष: 2005
16. बंदर हिल (टी -25 सी)
ट्रैक की लंबाई: 2,304 metres (7,559 ft.)
स्थान: महाराष्ट्र
रेलवे डिवीजन: केंद्रीय रेलवे
खुलने का वर्ष:1982
17. अरावली (टी -21)
ट्रैक की लंबाई: 2,161 metres (7,090 ft.)
स्थान: महाराष्ट्र
रेलवे डिवीजन: कोंकण रेलवे
खुलने का वर्ष:1997
18. चिपलुन (टी -16)
ट्रैक की लंबाई: 2,100 metres (6,900 ft.)
स्थान: महाराष्ट्र
रेलवे डिवीजन: कोंकण रेलवे
खुलने का वर्ष:1997
19. टेमलोंग (टी -8)
ट्रैक की लंबाई: 2,010 metres (6,590 ft.)
स्थान: मणिपुर
रेलवे डिवीजन: पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे
खुलने का वर्ष: 2016
20. लॉन्गतराई एमजी (टी -13)
ट्रैक की लंबाई: 1,936 metres (6,352 ft.)
स्थान: असम
रेलवे डिवीजन: पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे
खुलने का वर्ष:1903
21. थिजामा बीजी (टी -8)
ट्रैक की लंबाई: 1,849 metres (6,066 ft.)
स्थान: नागालैंड
रेलवे डिवीजन: पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे
खुलने का वर्ष: 2018
22. पारसीक सुरंग
ट्रैक की लंबाई: 1,618 metres (5,308 ft.)
स्थान: महाराष्ट्र
रेलवे डिवीजन: केंद्रीय रेलवे
खुलने का वर्ष: 1916
23. सरांडा (टी -1 और टी -2)
ट्रैक की लंबाई: 1,521 metres (4,990 ft.)
स्थान: झारखंड
रेलवे डिवीजन: दक्षिण पूर्वी रेलवे
खुलने का वर्ष:1900
24. गुर्पा सुरंग
ट्रैक की लंबाई: 1,444 metres (4,738 ft.)
स्थान: झारखंड
रेलवे डिवीजन: पूर्व-मध्य रेलवे
खुलने का वर्ष: 1916
शहरों के बीच संयोजकता बेहतर करने में सुरंगों का अहम रोल होता है। शहरों की सड़कें तंग होती जा रही हैं, इसलिए सुरंगे बनाना एक सही विकल्प है। इसके अलावा हमारे देश की भौगोलिक स्थितियों जिसमें, हिमालय, विंध्याचल, पश्चिमी घाट और सतपुरा हैं, रोड और रेलवे नेटवर्क के लिए सुरंगें एक अहम हिस्सा बन गई हैं।
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