प्राचीन काल से ही जासूसी प्रणाली ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं. आप नहीं जानते कि गुप्त एजेंसियों द्वारा जासूसी करना एक आधुनिक व्यवस्था नहीं है. अति प्राचीन काल से, मनुष्य हमेशा अपने प्रतिद्वंद्वियों और विरोधियों के बारे में विशिष्ट जानकारी प्राप्त करने के लिए जिज्ञासु रहा है.
देखा जाए तो इस जिज्ञासा ने ही एक संस्था के जन्म दिया है जिसे 'जासूसी' (Spy) कहा जाता है और इस गतिविधि में शामिल व्यक्ति को 'जासूस' के नाम से जाना जाता है. 'जासूस' शब्द संस्कृत के 'स्पश' शब्द से निकला है जिसका अर्थ एक सावधान चौकीदार होता है. अतः यह स्पष्ट है कि वर्तमान में जो गुप्त सेवा का प्रयोग होता है वो प्राचीन भारत की ही देन है. प्राचीन काल में, कुछ विशिष्ट व्यक्ति लोगों की गतिविधियां और कार्यों पर लगातार नजर रखते थे. धीरे-धीरे, लोगों के इस समूह ने खुद को संगठित किया और जासूसी की कला को आगे बढ़ाया.
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