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Tuesday 8 December 2020

वनस्पति विज्ञान और शाखाएं

December 08, 2020 0



फाइकोलॉजी(Phycology) - शैवालों का अध्ययन।

कवक विज्ञान (Mycology)-  कवकों का अध्ययन।

सूक्ष्म जीव विज्ञान (Microbiology)-  सूक्ष्मजीवों का अध्ययन।

जीवाणु विज्ञान (Bacteriology) -  जीवाणुओं का अध्ययन।

ब्रायोलोजी (Bryology) - ब्रायोफाइटा  का अध्ययन।

पारिस्थितिकी (Ecology) - जीवों का वातावरण के साथ सम्बन्धों का अध्ययन।

टेरिडोलोजी (Pteridology) - टेरिडोफाइड का अध्ययन।

आवृतबीजीकी (Angiosperms) - पुष्पीय पादपों का अध्ययन।

आन्तरिकी या शारीर (Anatomy) - जीवों की आन्तरिक संरचना का अध्ययन।

कोशिश का विज्ञान (Cytology) -  कोशिकाओं का अध्ययन

वृक्षायुर्विज्ञान (Dendrochronology) - वृक्षों की आयु का अध्ययन।

आर्थिक वनस्पति विज्ञान (Economic botany) - आर्थिक महत्व के पोधौ का अध्ययन।

भ्रोणिकी युग्मक (Embryology) - निर्माण, निषेचन व भ्रूण परिवर्धन का अध्ययन।

आदिम वनस्पति विज्ञान (Ethnobotany) - आदिवासियों द्वारा पादपों के उपयोग का अध्ययन।

फ्लोरीकल्चर (Floriculture) - सजावटी पुष्पों सम्बन्धी अध्ययन।

आनुवंशिक अभियांत्रिकी (Genetic engineering) - कृत्रिम जीनों का निर्माण व अन्य जीवों में स्थानान्तरण का अध्ययन।

आनुवंशिकी (Genetics) -  आनुवंशिकी सम्बन्धी अध्ययन।

आनुवंशिकता (Heredity) - पैतृक लक्षणों का संतति में पहुंचने सम्बन्धी अध्ययन।

जैव सांख्यिकी (Biometrics) - जैविक क्रियाओं तथा उनके परिणामों का गणित तथा सांख्यिकी द्वारा विश्लेषण

शैकविज्ञान (Lichenology) - लाइकेन्स का अध्ययन।

सरोवर विज्ञान (Limnology) - झीलों या शुद्ध पानी में उपस्थित जीवों का अध्ययन।

आकारिकी (Morphology) -  जीवों की आकारिकीय संरचना का अध्ययन।

सूत्रकृमि विज्ञान (Nematology) - सूत्रकृमियों का पादपों के साथ सम्बन्धों का अध्ययन।

पुरावनस्पति विज्ञान (Palaeobotany) - पादपों के जीवाश्मों का अध्ययन।

परागकण विज्ञान, परागाणु विज्ञान (Palynology) - परागकणों का अध्ययन।

मृदा विज्ञान (Pedology) - मृदा निर्माण, संरचना, अपक्षरण वह संरक्षण सम्बन्धी अध्ययन।

पादप रोग विज्ञान (Plant pathology) - पादप रोगों के लक्षण, कारण वह निदान सम्बन्धी अध्ययन।

पादप कार्यिक (Plant physiology) - पादप शरीर क्रियाओं या उपापचयी क्रिया का अध्ययन।

फल विज्ञान (Pomology) - फलों का अध्ययन।

पादप वर्गिकी (Plant taxonomy) - पादप वर्गीकरण का अध्ययन।

विषाणु विज्ञान (Virology) -  विषाणुओं का अध्ययन।

पादप भूगोल (Phytogeography) -  पौधों के भौगोलिक वितरण का अध्ययन।

विकिरण जीवविज्ञान ( Radiation biology) - विभिन्न विकिरणों का पादपों पर होने वाले प्रभावों का अध्ययन।

सस्य विज्ञान (Agronomy) -  फसली पादपों का अध्ययन।

जैवप्रौद्योगिकी (Biotechnology) - प्रोटोप्लास्ट का पृथक्करण वह संवर्धन का अध्ययन।

बागवानी (Horticulture) -  फल व उद्यानी पादपों का अध्ययन।

जैव भौतिकी (Biophysics) - भौतिकी सिद्धांतों व विधियों का जैविक समस्याओं के सम्बन्ध में अध्ययन।

फार्माकोग्नोसी (Pharmacognosy) -  पादप औषधियों की पहचान, पृथक्करण वह उपयोगी सम्बन्धी अध्ययन।

पादप प्रजनन विज्ञान (Plant breeding) -  उपयोगी पादपों की किसलय सुधारने का अध्ययन।

सिल्वीकल्चर (Silviculture) - वन के वृक्षों एवं उनके उत्पादों का अध्ययन।

ऊतक संवर्धन (Tissue culture) - कृत्रिम माध्यमों पर उतकों के संवर्धन का अध्ययन।

जैव रसायन विज्ञान (Biochemistry) - जीवों में उपस्थित रासायनिक घटकों तथा रासायनिक क्रियाओं का अध्ययन।

Monday 25 May 2020

मनसब

May 25, 2020 0

मनसब शब्द का अर्थ है पद, दर्जा या ओहदा. जिस व्यक्ति को सम्राट् मनसब देता था, उस व्यक्ति को मनसबदार  कहा जाता था. अकबर ने अपने प्रत्येक सैनिक और असैनिक अधिकारी को कोई-न-कोई मनसब (पद) अवश्य दिया. इन पदों को उसने जात या सवार नामक दो भागों में विभाजित किया. जात का अर्थ है व्यक्तिगत पद या ओहदा और सवार का अर्थ घुड़सवारों की उस निश्चित संख्या से है जिसे किसी मनसबदार को अपने अधिकार में रखने का अधिकार होता था. इस तरह मनसब शब्द केवल सैनिक व्यवस्था का ही शब्द नहीं अपितु इसका अर्थ है वह पद जिसपर सैनिक और गैर-सैनिक अधिकारी को नियुक्त किया जाता या रखा जाता था. दूसरे शब्दों में, मनसब पद प्रतिष्ठा अथवा अधिकार प्राप्त करने की स्थिति थी. इससे व्यक्ति का पद, स्थान और वेतन निर्धारित होता था. इसके सही अर्थ को समझने के लिए इसकी विशेषताओं की जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है.

Monday 2 March 2020

पल्लव राजवंश पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

March 02, 2020 0
पल्लव राजवंश पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
GK Questions and Answers on the Pallavas Dynasty HN

1. निम्नलिखित में से किसने पल्लव राजवंश की स्थापना की थी?
A. सिम्हाविष्णु
B. महेन्द्रवर्मन I
C. नरसिम्हावर्मन I
D. महेंद्रवर्मन II
Ans: A
व्याख्या: पल्लव राजवंश की स्थापना सिम्हाविष्णु (575-600 ई.) ने किया था। इसलिए, A ही सही विकल्प है।   
2. तमिलनाडु में स्थित पुडुकोट्टई की तिरुकोकर्णम, कोकरनेश्वर मंदिर और पल्लवारम की पांच-सेल वाले गुफा मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?
A. सिम्हाविष्णु
B. महेन्द्रवर्मन I
C. नरसिम्हावर्मन I
D. महेंद्रवर्मन II
Ans: B
व्याख्या: महेन्द्रवर्मन I ने तमिलनाडु में स्थित पुडुकोट्टई की तिरुकोकर्णम, कोकरनेश्वर मंदिर और पल्लवारम की पांच-सेल वाले गुफा मंदिर का निर्माण करवाया था। इसलिए, B ही सही विकल्प है।   
3. निम्नलिखित में से किस पल्लव राजा के शासन काल में चीनी यात्री ह्वेनसांग 640 में कांची आया था।  
A. सिम्हाविष्णु
B. महेन्द्रवर्मन I
C. नरसिम्हावर्मन I
D. महेंद्रवर्मन II
Ans: C
व्याख्या: नरसिम्हावर्मन I के शासन काल में चीनी यात्री ह्वेनसांग 640 ई. में कांची गया था। इसलिए, C ही सही विकल्प है। 

4. निम्नलिखित में से किस पल्लव राजा की हत्या चालुक्य राजा विक्रमादित्य II ने की थी?
A. नरसिम्हावर्मन II
B. नंदिवर्मन II
C. दंतिवर्मन
D. परमेश्वरवर्मन II
Ans: D
व्याख्या: चालुक्यों के उलचल- अभिलेख से ज्ञात होता है कि, चालुक्य राजा विक्रमादित्य द्वितीय ने गंग शासक दुर्विनीत ऐरयप्प की सहायता से पल्लव नरेश परमेश्वर वर्मन द्वितीय पर आक्रमण कर उसे परास्त कर दिया और फिर उसकी हत्या कर दिया था। इसलिए, D ही सही विकल्प है। 
5. निम्नलिखित में से किसने बैकुंठ पेरुमल मंदिर बनवाया?
A. नरसिम्हावर्मन II
B. नंदिवर्मन II
C. दंतिवर्मन
D. परमेश्वरवर्मन II
Ans: B
व्याख्या: बैकुंठ पेरुमल मंदिर तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम शहर में स्थित भगवान विष्णु को समर्पित है। 7वीं शताब्दी में पल्लव के राजा नंदि वर्मन द्वितीय बैकुंठ पेरुमल मंदिर का निर्माण करवाया था। इसलिए, B ही सही विकल्प है।
6. कांचीपुरम किस राजवंश की राजधानी नहीं थी?
A. चोल
B. पल्लव
C. विजयनगर
D. उपरोक्त सभी
Ans: C
व्याख्या: कांचीपुरम प्राचीन चोल और पल्लव राजाओं की राजधानी थी। मंदिरों के अतिरिक्त यह शहर हैंडलूम इंडस्ट्री और खूबसूरत रेशमी साड़ियों के लिए सर्वविख्यात है। विजयनगर साम्राज्य के अवशेष आधुनिक कर्नाटक राज्य में हम्पी शहर के निकट पाये गये हैं और इसलिए कुछ इतिहासकारों की माने तो इसी शहर के आस-पास, इसकी राजधानी थी। इसलिए, C ही सही विकल्प है।
7. निम्नलिखित में से किस पल्लव राजा को ममलन (महान पहलवान) बोला जाता था और मंदिरों का शहर महाबलीपुरम का नाम उनके नाम पर रखा गया था?
A. नरसिम्हावर्मन II
B. नंदिवर्मन II
C. दंतिवर्मन
D. परमेश्वरवर्मन II
Ans: A
व्याख्या: नरसिम्हावर्मन II को  ममलन (महान पहलवान) बोला जाता था और मंदिरों का शहर महाबलीपुरम का नाम इन्ही के नाम पर रखा गया था। इसलिए, A ही सही विकल्प है।
8. महेंद्रवर्मन I के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथन (नों) पर विचार करें।
I. महेन्द्र वर्मन प्रथम ने सुप्रसिद्ध संगीतज्ञ रुद्राचार्य के निर्देशन में संगीत का अध्ययन किया था।
II. महेन्द्र वर्मन प्रथम ने सर्वप्रथम दक्षिण भारत में आडम्बरयुक्त मंदिरों के स्थान पर सीधी-सादी आकर्षक शैल मण्डप वास्तु शैली प्रोत्साहित किया था।
Code:
A. Only I
B. Only II
C. Both I and II
D. Neither I nor II
Ans: C
व्याख्या: महेन्द्र वर्मन प्रथम (600-30ई.) सिंह विष्णु का पुत्र एवं उत्तराधिकारी था। इन्होने ने सुप्रसिद्ध संगीतज्ञ रुद्राचार्य के निर्देशन में संगीत का अध्ययन किया था। इन्होने ने सर्वप्रथम दक्षिण भारत में आडम्बरयुक्त मंदिरों के स्थान पर सीधी-सादी आकर्षक शैल मण्डप वास्तु शैली को प्रोत्साहित किया था। इसलिए, C ही सही विकल्प है। 
9. कांचीपुरम में कैलाशनाथ मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?
A. नरसिम्हावर्मन II
B. महेंद्रवर्मन II
C. महेंद्रवर्मन I
D. परमेश्वरवर्मन II
Ans: A
व्याख्या:  कैलाशनाथ मंदिर, कांचीपुरम में स्थित एक हिन्दू मंदिर है। इस मंदिर को आठवीं शताब्दी में पल्लव वंश के राजा नरसिम्हावर्मन II (राजसिम्हा) ने अपनी पत्नी की प्रार्थना पर बनवाया था। मंदिर के अग्रभाग का निर्माण राजा के पुत्र महेन्द्र वर्मन III के करवाया था। इसलिए, A ही सही विकल्प है। 
10. निम्नलिखित का मिलान करे:
a. नंदीवर्मन II            1. कुट्टीयट्टम और चकीयर कुथू
b. नंदीवर्मन III           2. सियाम और मलाया के साथ व्यापार संपर्क
c. परमेश्वरवर्मन II        3. पल्लव राजवंश की सिमविष्णु वंश का अंतिम शासक
d. नरसिंहवर्मन I          4. ह्वेनसांग
Code:
     a   b   c   d
A. 1   2   3   4
B. 4   3   2   1
C. 3   1   2   4
D. 1   2   4   3
Ans: A
व्याख्या: सही मिलान नीचे दिया गया है:
नंदीवर्मन II  - कुट्टीयट्टम और चकीयर कुथू
नंदीवर्मन III - सियाम और मलाया के साथ व्यापार संपर्क
परमेश्वरवर्मन II - पल्लव राजवंश की सिमविष्णु वंश का अंतिम शासक
नरसिंहवर्मन I  - ह्वेनसांग
इसलिए, A ही सही विकल्प है।

Friday 3 January 2020

जानें कोरेगांव भीमा युद्ध क्या है और दलित अधिकारों के लिए इसका क्या महत्व है?

January 03, 2020 0
जानें कोरेगांव भीमा युद्ध क्या है और दलित अधिकारों के लिए इसका क्या महत्व है?
"Victory Pillar" at Koregaon

कोरेगांव भीमा युद्ध का संक्षिप्त इतिहास (History of bhima koregaon  Battle)

भीमा- कोरेगांव का युद्ध छुआछूत जैसी सामाजिक बुराई के प्रति जन्मा विद्रोह कहा जाना ज्यादा ठीक होगा. दरअसल पेशवाओं के शासन में शूद्रों को थूकने के लिए अपने गले में हांडी लटकाना जरूरी था, साथ ही कमर पर झाड़ू बांधना जरूरी था जिससे धरती पर पड़े उनके पैरों के निशान मिटते रहें.
अंग्रेज अपनी नीति के तहत सभी राजाओं के राज्य को अपने राज्य में मिलाना चाहते थे इसी कारण उनकी नजर पुणे राज्य पर थी. 
अंग्रेजों ने पुणे के पेशवा और बड़ौदा के गायकवाड़ के बीच राजस्व-साझाकरण विवाद में हस्तक्षेप किया, और 13 जून 1817 को, कंपनी ने पेशवाबाजी राव द्वितीय को गायकवाड़ के सम्मान के दावों को छोड़ने और अंग्रेजों को एक बड़ा हिस्सा सौंपने के लिए मजबूर किया था. यह विवाद आगे बढ़ा और इसका परिणाम कोरेगांव के लड़ाई के रूप में सामने आया था. 

भीमा कोरेगांव का युद्ध, 1 जनवरी 1818 को ईस्ट इंडिया कंपनी और मराठा साम्राज्य के पेशवा गुट के बीच भीमा-कोरेगांव में हुआ था.
ज्ञातव्य है कि "कोरेगांव" महाराष्ट्र के पूना जनपद की तहसील में पूना नगर रोड़ पर भीमा नदी के किनारे बसा हुआ एक छोटा सा गांव है.
Anglo-Maratha
Source: i2.wp.com"वो सिर्फ 500 थे, लेकिन दिल में जज़्बा था कि जातिवाद को हराना है। वे जान पर खेल गए, कई तो कट मरे, पर आख़िरकार, भीमााा कोरेगांव के मैदान से पेशवा की फ़ौज भाग गई। 1818 को इसी दिन महार सैनिकों ने पेशवाई को हराकर भारत को जातिमुक्त और लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में पहला ऐतिहासिक क़दम बढ़ाया" जो आज से लगभग दो सौ साल पहले घटित हुई थी।
कोरेगांव भीमा युद्ध का क्या महत्व है
कुछ इतिहासकारों का मानना है की महारों और पेशवा फ़ौजों के बीच हुए इस युद्ध को विदेशी आक्रांता अँग्रेज़ों के ख़िलाफ़ भारतीय शासकों का युद्ध था, तथ्यात्मक रूप से वो ग़लत नहीं हैं।
लेकिन कुछ इतिहासकार मानते हैं कि महारों के लिए ये अँग्रेज़ों की नहीं बल्कि अपनी अस्मिता की लड़ाई थी। अंत्यजों यानी वर्णव्यवस्था से बाहर माने गए 'अस्पृश्यों' के साथ जो व्यवहार प्राचीन भारत में होता था, वही व्यवहार पेशवा शासकों ने महारों के साथ किया।
Mahar
Source: Source: i2.wp.com
इतिहासकारों ने कई जगहों पर ब्यौरे दिए हैं कि नगर में प्रवेश करते वक़्त महारों को अपनी कमर में एक झाड़ू बाँध कर चलना होता था ताकि उनके 'प्रदूषित और अपवित्र' पैरों के निशान उनके पीछे घिसटने इस झाड़ू से मिटते चले जाएँ। उन्हें अपने गले में एक बरतन भी लटकाना होता था ताकि वो उसमें थूक सकें और उनके थूक से कोई सवर्ण 'प्रदूषित और अपवित्र' न हो जाए। वो सवर्णों के कुएँ या पोखर से पानी निकालने के बारे में सोच भी नहीं सकते थे।
Shaurya Pillar
इस युद्ध में मारे गए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक चौकोर मीनार बनाया गया है, जिसे कोरेगांव स्तंभ के नाम से जाना जाता है। यह महार रेजिमेंट के साहस का प्रतीक है। इस मीनार पर उन शहीदों के नाम खुदे हुए हैं, जो इस लड़ाई में मारे गए थे.
इस कोरेगांव स्तंभ शिलालेख में लड़ाई में मारे गए 49 कंपनी सैनिकों के नाम शामिल हैं, इनमें से 22 महार जाति के लोग थे. वर्ष 1851 में इन्हें मेडल देकर सम्मानित किया गया था.

इस युद्ध को महारों के शौर्य के लिए भी जाना जाता है क्योंकि इस युद्ध में केवल 500 महार सैनिकों ने 12 घंटे की लड़ाई में पेशवा के 28 हजार सैनिकों वापस हटने पर मजबूर कर दिया था.
इस युद्ध में पेशवा की हार के बाद पेशवाई खतम हो गयी थी और अंग्रेजों को इस भारत देश की सत्ता मिली। इसके फलस्वरूप अंग्रेजों ने भारत देश में शिक्षण का प्रचार किया, जो हजारों सालों से बहुजन समाज के लिए बंद था।

जानें किन-किन देशों में चीफ़ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ (CDS) का पद होता है?

January 03, 2020 0
जानें किन-किन देशों में चीफ़ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ (CDS) का पद होता है?
Chief of Defence Staff (Symbolic Cap))
वर्तमान में भारत में सेनाओं के तीन अंग है जिनके नाम हैं, थल सेना, वायु सेना और नौसेना. इन तीनों सेनाओं का अलग अलग एक सेन्य प्रमुख होता है. लेकिन अब देश में इन तीनों सेना प्रमुखों के अलावा भी चीफ़ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ का पद सृजित कर दिया गया है.
चीफ़ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ (Chief of Defence Staff in India) 
भारतीय रक्षा प्रणाली में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) एक नया पद होगा. सरकार के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की भूमिका; प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के लिए महत्वपूर्ण रक्षा और रणनीतिक मुद्दों पर एक सूत्रीय सैन्य सलाहकार की होगी. सीडीएस; भारत सरकार और रक्षा बलों के तीनों अंगों के बीच एक समन्वय प्राधिकरण (Coordinating Authority) की तरह काम करेगा.
आइये इस लेख में जानते हैं कि दुनिया के किन देशों में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद है और इसे किस नाम से जाना जाता है? कुछ देशों में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीओ) के पद को अन्य नामों से बुलाते हैं. ये नाम हैं; चीफ ऑफ स्टाफ, कमांडर-इन-चीफ, चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज और सुप्रीम कमांडर आदि.
आइए एक-एक करके इन देशों में पदों को जानें;
1. चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ; इटली: (The Chief of the Defence Staff)
इटली का चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, इटैलियन आर्म्ड फोर्सेज के सर्वोच्च पद को बताता है. यह पद 4 मई 1925 को बनाया गया था और पिएत्रो बडोग्लियो इस पर बैठने वाले पहले व्यक्ति थे जबकि वर्तमान में इस पद पर एयर स्क्वाड्रन जनरल एंज़ो वेकेइरेल्ली हैं.
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2. दा चीफ ऑफ़ स्टाफ ऑफ़ दा अर्मीज (C.E.M.A.), फ्रांस (The Chief of Staff of the Armies)
C.E.M.A; फ्रेंच गणराज्य की सेनाओं के कर्मचारी मुख्यालय का प्रमुख होता है. C.E.M.A. फ्रांसीसी सशस्त्र बलों के उपयोग के लिए जिम्मेदार प्रमुख वरिष्ठ सैन्य अधिकारी है. यह पद 28 अप्रैल 1948 को बनाया गया था और अभी यह पद जनरल फ्रांकोइस लेकोइंट्रे संभाल रहे हैं. यह देश के रक्षा मंत्री को रिपोर्ट करता है.
3. दा चीफ ऑफ़ दा जनरल स्टाफ; चीन (The Chief of the General Staff; China)
चीफ ऑफ जनरल स्टाफ ताइवान में रिपब्लिक ऑफ चाइना सशस्त्र बलों का प्रमुख है. यह पद 23 मई 1946 को बनाया गया था और वर्तमान में यह जनरल शेन यी-मिंग के पास है. इस पद पर बैठने वाला व्यक्ति सीधे रक्षा मंत्री; को रिपोर्ट करता है.
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4. दा चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ, स्पेन (The Chief of the Defence Staff)
यह स्पेनिश सशस्त्र बलों में सर्वोच्च रैंकिंग वाला सैन्य अधिकारी है. यह; रक्षा मंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय रक्षा परिषद और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रमुख सैन्य सलाहकार के तौर पर काम करता हैं.
5. दा चीफ ऑफ़ दा डिफेन्स स्टाफ, यूनाइटेड किंगडम (The Chief of the Defence Staff)
जैसा कि हम जानते हैं कि भारत के ऊपर ब्रिटेन ने कई वर्षों तक शासन किया था और उनके शासन के चिन्ह आज भी भारत की कई संस्थाओं, मिलिट्री और पुलिस में मौजूद हैं.
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यूनाइटेड किंगडम में; दा चीफ ऑफ़ दा डिफेन्स स्टाफ, ब्रिटिश सशस्त्र बलों का पेशेवर प्रमुख होता है. चीफ ऑफ़ दा डिफेन्स स्टाफ; ब्रिटेन में रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री के लिए सबसे वरिष्ठ सैन्य सलाहकार भी होता है.
6. चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ, कनाडा (Chief of the Defence Staff)
चीफ ऑफ डिफेंस; स्टाफ कनाडाई सशस्त्र बलों का दूसरा सबसे वरिष्ठ सदस्य है. शीर्ष पद कमांडर-इन-चीफ के पास होता है.
सीडीएस का पद, कनाडाई सशस्त्र बलों की तीनों मुख्य शाखाओं में से एक वरिष्ठ सदस्य के पास होता है. वर्तमान में सीडीएस के पद पर जोनाथन वेंस (17 जुलाई 2015 से) हैं जो कि कमांडर-इन-चीफ को रिपोर्ट करते हैं.
7. चीफ ऑफ स्टाफ, ज्वाइंट स्टाफ; जापान  (Chief of Staff, Joint Staff)
चीफ ऑफ स्टाफ, ज्वाइंट स्टाफ; जापान में सर्वोच्च श्रेणी का सैन्य अधिकारी और जापान सेल्फ डिफेंस फोर्सेज (JSDF) के ऑपरेशनल अथॉरिटी (कमांड) का प्रमुख होता है.
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चीफ ऑफ स्टाफ; जापान सेल्फ डिफेंस फोर्सेस के सभी मामलों पर रक्षा मंत्री की सहायता करता है और प्रधानमंत्री के निर्देशों के साथ रक्षा मंत्री के आदेशों को क्रियान्वित करता है.
यह पद 1 जुलाई 1954 को बनाया गया था और जनरल काजी यामाजाकी वर्तमान चीफ ऑफ स्टाफ, ज्वाइंट स्टाफ हैं जो कि रक्षा मंत्री को रिपोर्ट करते हैं.
तो यह थी दुनिया के विभिन्न देशों में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की सूची. इस पद को अलग अलग देशों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. भारत में इस पद का सृजन यूनाइटेड किंगडम के पद से प्रेरित है. मुझे उम्मीद है कि भारत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद का सृजन भारतीय रक्षा बलों की क्षमताओं को और मजबूत करेगा.

भारत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के क्या-क्या कार्य हैं?

January 03, 2020 0
भारत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के क्या-क्या कार्य हैं?
Indian Armyप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से घोषणा की थी कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद जल्द ही बनाया जाएगा. सरकार ने इस दिशा में जल्दी से कार्य करते हुए CDS के पद पर पूर्व थल सेना अध्यक्ष बिपिन रावत को चुना है.
भारत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पीछे का इतिहास (History behind the CDS post)
भारत में यह पहली बार नहीं है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद सृजित हो रहा है. वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के बाद भी भारत में एक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद को बनाने की पहल K. सुब्रह्मण्यम समिति की सिफारिस के आधार पर की गयी थी. लेकिन राजनीतिक असहमति और आशंकाओं के कारण यह आगे नहीं बढ़ सकी थी.
नरेश चंद्र समिति ने 2012 में चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (COSC) के एक स्थायी चेयरमैन की नियुक्ति की सिफारिश की थी और वर्तमान में यही काम कर रही है.

कौन है चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ? (About Chief of Defence Staff)
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद का मतलब होगा कि प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री के लिए महत्वपूर्ण रक्षा और रणनीतिक मुद्दों पर सरकार के सलाहकार के रूप में केवल एक व्यक्ति कार्य करेगा. सीडीएस परमाणु मुद्दों पर प्रधानमंत्री के सैन्य सलाहकार के रूप में भी काम करेगा.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का कार्य होगा कि वह सेना के तीनों अंगों के बीच दीर्घकालिक नियोजन, प्रशिक्षण, खरीद और परिवहन के कार्यों के लिए समन्वयक (Coordinator) का कार्य करेगा.
जैसा कि हम जानते हैं कि रक्षा क्षेत्र का बजट बढ़ता जा रहा इसलिए संसाधनों पर तनाव साल दर साल बढ़ता जा रहा है. अब सीमित संसाधनों के उपयोग को सुनिश्चित करके तीनों सेना के अंगों के बीच समन्वय को बढ़ाना समय की आवश्यकता है.
यहां उल्लेख करने योग्य बात यह है कि सभी प्रमुख देशों, विशेष रूप से परमाणु हथियार संपन्न देशों में एक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जरूर है.
CDS के प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं (Functions of CDS)
CDS के चयन से पहले, तीनों सेना प्रमुखों में सबसे सीनियर चीफ ही, चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष (COSC) के रूप में कार्य करता था. COSC की भूमिका अतिरिक्त होती है और कार्यकाल बहुत छोटा रहता है. CDS के मुख्य कार्य इस प्रकार हैं.
1. वह तीनों सेनाओं के मामलों पर रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करेंगे.
2. परमाणु कमान प्राधिकरण के सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करेंगे.
3. सीडीएस, किसी भी सैन्य कमांड का प्रयोग नहीं करेगा,और इस मामले में नियम पूर्ववत ही रहेंगे.
4. सीडीएस, रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद के सदस्य होंगे.
5. वह चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष होंगे.
6. सैन्य मामलों के विभाग के प्रमुख के रूप में भी कार्य करेंगे.
अतः भारत के पडोसी देशों की नीति को देखते भारतीय सेना के तीनों विंगों के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद की शीघ्र आवश्यकता थी. उम्मीद है कि अब सीमित रक्षा संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सकेगा  और किसी भी युद्ध जैसी स्थिति के दौरान देश की सुरक्षा की जा सकेगी.

Monday 23 December 2019

Download Modern History (आधुनिक भारत) Notes PDF General Studies In Hindi UPSC SSC IAS TEACHER RPSC

December 23, 2019 0


Modern History Notes PDF General Studies In Hindi UPSC SSC IAS TEACHER RPSC :- Dear Students, आज के इस पोस्ट मे हम आप लोगो के लिए लेकर आए है  General Studies Modern History PDF For UPSC PCS इस नोट्स मे आपको आधुनिक इतिहास की पूरी जानकारी हिंदी में मिलेगी ! Students ध्यान दे यह Notes UPSC, PCS, SSC, Police, RO/ARO समीक्षा अधिकारी, Railway, SSC, Bank तथा अन्य समस्त प्रतियोगी परीक्षाओ के लिए महत्वपूर्ण है !

Note-: Modern History PDF For IAS PCS and other State exam भारत का इतिहास नोट्स  को download करने के लिए निचे दिए गए Download Button पर Click करे