Monday 18 February 2019

जम्मू एवं कश्मीर के संविधान की क्या विशेषताएं हैं?

सितम्बर–अक्टूबर 1951 में जम्मू एवं कश्मीर के संविधान सभा का निर्वाचन राज्य के भविष्य के संविधान के निर्माण के लिए तथा भारत के साथ सम्बन्ध स्पष्ट करने के लिए किया गया था. संविधान सभा की पहली बैठक 31 अक्टूबर 1951 को हुई थी. जम्मू एवं कश्मीर के संविधान को बनने में कुल 5 वर्ष का समय लगा. 17 नवम्बर, 1957 को जम्मू एवं कश्मीर का संविधान अंगीकार किया गया तथा 26 जनवरी , 1957  को प्रभाव में आया था.
preamble of kashmir constitution
जम्मू एवं कश्मीर के संविधान की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
1. संविधान घोषित करता है कि जम्मू एवं कश्मीर राज्य भारत का एक अखंड भाग है.
2. यह राज्य के लोगों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता एवं बंधुत्व प्रदान करता है.
3. इस संविधान के अनुसार, जम्मू एवं कश्मीर राज्य में वह क्षेत्र शामिल है जो 15 अगस्त, 1947 के शासन के अंतर्गत था. इसका सीधा सा अर्थ यह है कि इस राज्य के अधीन “पाक अधिकृत क्षेत्र” भी आता है.
4. संविधान में भारत के उस नागरिक को राज्य का “स्थायी निवासी” माना जायेगा जो कि मई 14, 1954 को... 
(a) राज्य में विधिवत रूप से संपत्ति का मालिक हो 
(b) मई 14, 1954 से पूर्व राज्य में 10 वर्ष से रह रहा हो
(c) मार्च 1, 1947 के बाद पाकिस्तान से विस्थापित होकर राज्य में रहने के लिए लौटा हो. 
5. कश्मीरी संविधान प्रदेश के सभी स्थायी निवासियों को भारतीय संविधान में वर्णित सभी मूल अधिकार देता है लेकिन “स्थायी” निवासी कौन है इसका फैसला सिर्फ राज्य विधान सभा करती है.
6. यहाँ द्विसदनीय व्यवस्था है.विधान सभा में जनता द्वारा सीधे 111 सदस्य चुने जाते हैं जिसमे 24 पद रिक्त रखे गए है जो कि “पाक अधिकृत कश्मीर” के लिए स्वीकृत हैं.
7. राज्य की विशेष शक्तियों का अधिकार राज्यपाल के पास है जिसे राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है.
8. प्रदेश के मूल संविधान के अंतर्गत राज्य का मुख्य सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति)और सरकार का मुख्य वजीर-ए- आजम (मुख्यमंत्री) होता है. सन 1965 में ये क्रमशः राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के रूप में नामित किये गए हैं.
9. जम्मू-कश्मीर में एक उच्च न्यायालय होगा जिसके मुख्य न्यायधीश तथा अन्य न्यायधीशों की नियुक्ति भारत के मुख्य न्यायाधीश तथा राज्यपाल की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है.
10. सन 1964 से राज्य में राष्ट्रपति शासन को लागू किया जाने लगा है. इससे पहले यहाँ राज्य प्रशासन के विफल होने की दशा में केवल राज्यपाल शासन लागू होता था.
11. उर्दू राज्य की अधिकारिक भाषा होगी जबकि अधिकारिक कार्य के लिए अंग्रेजी का भी नाम है.
12.  यदि इस संविधान में किसी तरह का कोई संशोधन करना है तो उसे राज्य विधान मंडल के सदनों में सदन की कुल संख्या के दो तिहाई बहुमत से पास किये गए विधेयक द्वारा संशोधित किया जा सकता है. 
JAMMU KASHMIR
उपर्युक्त बिन्दुओं के आधार पर यह कहा जा सकता है कि जम्मू & कश्मीर राज्य में दो तरह के संविधान लागू हैं. यहाँ पर एक तरफ जहाँ भारत का संविधान लागू है वहीँ जम्मू और कश्मीर का संविधान भी अपना महत्त्व रखता है. चूंकि यह राज्य भारतीय गणतंत्र का हिस्सा है इसलिए भारत का संविधान जम्मू एवं कश्मीर के संविधान से ज्यादा महत्व रखता है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय जाहिर करते हुए कहा है कि भारत के संविधान के बाहर जम्मू और कश्मीर को किसी तरह की स्वतंत्रता प्राप्त नही होगी.
जम्मू एवं कश्मीर के संविधान की क्या विशेषताएं , features of jammu constitution in hindi

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