Monday 28 January 2019

शुंग वंश शुंग वंश का इतिहास shung vansh ka itihas


मौर्य वंश का अंतिम शासक वृहद्रय था। वृहद्रय को उसके ब्राह्मण सेनापति पुष्यमित्र ने ई. पूर्व 185 में मार दिया और इस प्रकार मौर्य वंश का अंत हो गया। पुष्यमित्र ने अश्वमेध यज्ञ किया था। पुष्यमित्र ने सिंहासन पर बैठकर मगध पर शुंग वंश के शासन का आरम्भ किया। शुंग वंश का शासन सम्भवतः ई. पू. 185 ई. से पू. 100 तक दृढ़ बना रहा। पुष्यमित्र इस वंश का प्रथम शासक था, उसके पश्चात् उसका पुत्र अग्निमित्र, उसका पुत्र वसुमित्र राजा बना। वसुमित्र के पश्चात् जो शुंग सम्राट् हुए, उसमें कौत्सीपुत्र भागमद्र, भद्रघोष, भागवत और देवभूति के नाम उल्लेखनीय है। शुंग वंश का अंतिम सम्राट देवहूति था, उसके साथ ही शुंग साम्राज्य समाप्त हो गया था। शुग-वंश के शासक वैदिक धर्म के मानने वाले थे। इनके समय में भागवत धर्म की विशेष उन्नति हुई। शुंग वंश के शासकों की सूची इस प्रकार है -
  • पुष्यमित्र शुंग (185 - 149 ई.पू.)
  • अग्निमित्र (149 - 141 ई.पू.)
  • वसुज्येष्ठ (141 - 131 ई.पू.)
  • वसुमित्र (131 - 124 ई.पू.)
  • अन्धक (124 - 122 ई.पू.)
  • पुलिन्दक (122 - 119 ई.पू.)
  • घोष शुंग
  • वज्रमित्र
  • भगभद्र
  • देवभूति (83 - 73 ई.पू.)

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