Saturday, 25 November 2017

मंगोल साम्राज्य का इतिहास, जानकारी

मंगोल साम्राज्य 13 वीं और 14 वीं शताब्दियों के दौरान एक विशाल साम्राज्य था। इस साम्राज्य की नीव चंगेज खान ने रखी थी। आमतौर पर इसे दुनिया के इतिहास में सबसे बड़ा सन्निहित साम्राज्य माना जाना जाता है। अपने शीर्ष पर यह 9700 किमी तक फैला था और 33,000,000 वर्ग कि॰मी॰ (12,741,000 वर्ग मील) के क्षेत्र को कवर करता था। इस समय पृथ्वी के कुल भू क्षेत्रफल का 22% हिस्सा इसके कब्ज़े में था और इसकी आबादी 100 करोड़ थी।

मंगोल साम्राज्य – Mongol Empire History in Hindi

मंगोल साम्राज्य का आरम्भ चंगेज खान द्वारा मंगोलिया के घूमन्तू जनजातियों के एकीकरण से हुआ। मध्य एशिया में शुरू यह राज्य अंततः पूर्व में यूरोप से लेकर पश्चिम में जापान के सागर तक और उत्तर में साइबेरिया से लेकर दक्षिण में भारतीय उपमहाद्वीप तक फैल गया।
मंगोल छोटी आँख, पीली चमड़ी वाली एक जाति, जिसके दाढ़ी-मूँछ बहुत कम होती है। मंगोल लोग प्राय: खानाबदोश थे। ये खानाबदोश मर्द और औरतें बड़े मज़बूत कद-काठी के लोग थे। शहरी जन-जीवन इन्हें रास नहीं आता था। चंगेज़ ख़ाँ जैसा वीर, प्रतापी और महान् नेता मंगोल इतिहास में शायद ही हुआ है। बाबर ने अपने वंश को भारत में मुग़ल प्रसिद्ध किया था। इसमें कोई सन्देह नहीं है कि मुग़ल, मंगोलों के ही वंशज थे।
मंगोलों को कष्ट झेलने की आदत थी और ये लोग उत्तरी एशिया के लम्बे चौड़े मैदानों में तम्बुओं में रहते थे। लेकिन इनका शारीरिक बल और कष्ट झेलने का मुहावरा इनके ज़्यादा काम न आते, अगर इन्होंने एक सरदार न पैदा किया होता, जो बड़ा अनोखा व्यक्ति था। शहरों और शहरों के रंग-ढंग से भी उन्हें नफ़रत थी। बहुत से लोग समझते हैं कि चूंकि वे खानाबदोश थे, इसलिए जंगली रहे होंगे। लेकिन यह ख्याल ग़लत है। शहर की बहुत सी कलाओं का उन्हें अलबत्ता ज्ञान नहीं था, लेकिन उन्होंने ज़िन्दगी का अपना एक अलग तरीक़ा ढाल लिया था और उनका संगठन बहुत ही गुंथा हुआ था।
मंगोलों के कई समूह विविध समयों में भारत में आये और उनमें से कुछ यहीं पर बस गए। चंगेज़ ख़ाँ, जिसके भारत पर आक्रमण करने का ख़तरा 1211 ई. में उत्पन्न हो गया था, वह एक मंगोल था। इसी प्रकार से तैमूर भी, जिसने भारत पर 1398 ई. में हमला किया, वह भी एक मंगोल था। चंगेज ख़ाँ और उसके अनुयायी मुसलमान नहीं थे, किन्तु तैमूर और उसके अनुयायी मुसलमान हो गए थे। ‘मंगोल लोग ही मुसलमान बनने के बाद ‘मुग़ल’ कहलाने लगे।’ 1211 ई. में चंगेज ख़ाँ तो सिन्धु नदी से वापस लौट गया, किन्तु उसके बाद मंगोलों ने और कई आक्रमण भारत पर किए। दिल्ली के बलबन और अलाउद्दीन ख़िलजी जैसे शक्तिशाली सुल्तानों को भी मंगोलों का आक्रमण रोकने में एड़ी-चोट का पसीना एक कर देना पड़ा। 1398 ई. में तैमूर के हमले ने दिल्ली सल्तनत की नींवें हिला दीं और मुग़ल वंश की स्थापना का मार्ग प्रशस्त कर दिया, जिसने अठारहवीं शताब्दी में ब्रिटिश शासन की स्थापना होने तक इस देश में राज्य किया।
मंगोलों की सैन्य शक्ति बहुत मजबूत थी वे यूरेशिया की शक्तिशाली सेना के खिलाफ अच्छी तरह से लड़ रहे थे। उनकी शस्त्रागार बहुत अच्छी गुणवत्ता का था युद्ध में जब वे किसी भी सेना को पराजित करते, तो वे सेना में हारी हुई फौजों के इंजीनियरों को शामिल करते थे और उन्हें अपने हथियारों और हथियारों की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए मंगोलियाई सेना में हमेशा के लिए रख लेते थे।
मंगोलों की मातृभूमि मंगोलिया और तुर्क है। मंगोल शासक पहले बौद्ध थे, लेकिन बाद में धीरे-धीरे तुर्कों के सम्पर्क में आकर उन्होंने इस्लाम को अपना लिया। खान मूलतः मंगोलियाई उपाधि थी जिसका शाब्दिक अर्थ ‘नायक’, ‘नेता’, ‘शासक’, ‘राजा’ या ‘मुखिया’ है।

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